स्वीप-इन डिपॉजिट

अपने सेविंग बैंक अकाउंट (Saving Account) में सरप्लस फंड को स्वीप-इन डिपॉजिट में जमा कर आप अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही, इसकी मदद से आप अपने लिए एक पूंजी भी तैयार कर सकते हैं जो आपके इमरजेंसी के समय काम आ सके.

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  • LAST UPDATED: FEBRUARY 6, 2020, 9:30 AM IST

नई दिल्ली. कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास रेग्युलर इन्वेस्टमेंट (Regular Investment) के अलावा भी कुछ ऐसे अनप्लान्ड फंड होते हैं जो हमारे बचत खाते में पड़े रहते हैं. इस रकम को न तो हम कहीं निवेश में लगाते हैं और न ही कहीं खर्च कर पाते है. अधिकतर लोग ऐसे पैसे को फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) में रखने पर भरोसा करते हैं. लेकिन इसके अलावा एक ऐसा विकल्प है, जहां हम इन पैसों से ​FD से अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं. इस रकम को हम स्वीप-इन-डिपॉजिट में जमा करा अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं.

क्या है स्वीप-इन-डिपॉजिट?
स्वीप-इन सुविधा की मदद से बैंक आपके द्वारा तय किए रकम को आपके सेविंग अकाउंट (Saving Account) से स्वीप-इन-डिपॉजिट में ट्रांसफर कर देता है. इस स्वीप-इन-डिपॉजिट की अवधि 1 साल से लेकर 5 साल के लिए होती है. अवधि के आधार पर इस डिपॉजिट पर ब्याज दर भी तय किया जाता है. मोटे तौर पर इस डिपॉजिट में रखें पैसे पर आपको अधिक ब्याज मिलता है.

क्या है विभिन्न बैंकों का नियम
विभिन्न बैंकों में इस सुविधा का नाम अलग-अलग होता है. जैसे- भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में सेविंग प्लस अकाउंट की मदद से यह काम हो जाता है. इस सुविधा के मदद से SBI सेविंग अकाउंट में जरूरत से अधिक जितनी भी रकम होगी, वो ऑटोमेटिकली स्वीप-इन-डिपॉजिट में ट्रांसफर हो जाएगी. लेकिन याद रहे की यह रकम 1,000 रुपये के मल्टीपल में ही होनी चाहिए. HDFC बैंक में इस सुविधा को स्वीप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट और ICICI बैंक में इस सुविधा को फ्लेक्सी डिपॉजिट कहा जाता है.स्वीप-इन ​सुविधा और फ्लेक्सी डिपॉजिट में एक अंतर होता है. फ्लेक्सी डिपॉजिट के मामले में बैंक अपने आप ही सरप्लस फंड को डिपॉजिट में डाल देता है. वहीं, स्वीप-इन सुविधा में आपको मैन्युअली शुरू करना होता है, जिसे आप सरप्लस फंड को मिल ट्रांसफर करने के लिए अपने सेविंग अकाउंट से लिंक करते हैं.

कौन ले सकता है इस सुविधा का लाभ
स्वीप-इन सुविधा बैंक के सभी ग्राहकों को नहीं दिया जाता है. इसके लिए हर बैंक का अपना क्राइटेरिया होता है. आमतौर पर, इस खास सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको कम से कम 25 हजार रुपये का FD खोलना जरूरी होता है.

क्या है इसका फायदा
इस डिपॉजिट पर न सिर्फ ज्यादा ब्याज मिलता है बल्कि एक फायदा यह भी है कि इस सुविधा की मदद से आप अपने लिए एक बड़ी पूंजी भी तैयार कर सकते हैं जोकि किसी वित्तीय इमरजेंसी में आपके काम आ सकता है. छोटी मोटी जरूरतों के लिए आपको अपने रेग्युलर इन्वेस्टमेंट या FD की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. अगर आप समय से पहले इस रकम की निकासी करते हैं तो आपको कोई फाइन भी नहीं देना पड़ेगा.