गिलोय और नींबू में है पथरी का अचूक इलाज

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बदली जीवनशैली और खानपान में बदलाव ने कई बीमारियां इजात की हैं जिनमें पथरी भी एक है।

लखनऊ। कई बार अचानक से पेट में दर्द को रवि कुमार (26) टाल देते थे लेकिन जब ये दर्द बढऩे लगा और उन्होनें डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उनके किडनी में पथरी है। धीरे धीरे दवा से इसे खत्म किया गया।

रवि कुमार बताते हैं, ”मैं हॉस्टल में रहता था और खाना भी बाहर खाता था, साफ पानी भी नहीं मिलता था इसलिए मुझे स्टोन हो गया। डॉक्टरों ने यही कारण बताया फिर लगातार चार महीने के इलाज के बाद सही हुआ है।”

बदलती जीवनशैली और खानपान में बदलाव ने कई बीमारियां इजात की हैं जिनमें पथरी भी एक है। ये ज्यादातर किडनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका में होती है। इसके इलाज एलोपैथी, होमोपैथी और आयुर्वेद में अलग अलग हैं-

बचाव

इसके बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि गुर्दे में नियमित पानी पहुंचें और कोशिकाओं को भी पानी की कमी न होने पाए, जिन लोगों को एक बार पथरी हो चुकी हो उन्हें दोबारा यह समस्या हो सकती है। ऐसे लोगों को पालक, टमाटर, आलू, चाय, चावल, नमक आदि बचकर खाना चाहिए।

लक्षण

किसी भी भाग में पथरी होती है तो पेशाब करने में दिक्कत आती है। पेशाब रूक-रूक कर होती है कभी कभी पेशाब के साथ खून भी आता है। पेट में दर्द, लगातार कब्ज या दस्त होना।

पथरी के कारण

शरीर में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के असंतुलन के कारण कई बार पेशाब में कैल्शियम जमा हो जाता है। अगर पेशाब के साथ कैल्शियम निकल जाता है तो ठीक है वरना गुर्दे में जमा होकर पथरी बना देता है। कैल्शियम के जमा होने के कारण भोजन में ज्यादा कैल्शियम होना है। पथरी किसी भी उम्र में हो सकती है, कई बार आनुवांशिक कारणों से पथरी होती है। खान पान में असंतुलन भी पथरी का कारण बनती है।

एलोपैथी में इलाज

लखनऊ के यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीव प्रसाद बताते हैं, ”एलोपैथ में स्टोन का इलाज केवल काटपीट कर निकालना यानि सर्जरी है। समय से अगर पथरी नहीं निकाली गई तो वो अंग जहां स्टोन है वो पूरी तरह से खराब हो जाता है और उसे भी निकालना पड़ता है। इसमें मरीज को मैदे की चीजें, शराब, तम्बाकू और रेड मीट तो बिल्कुल जहर है, जितना मोटा अनाज खाएं और पानी पिए बेहतर होगा।

होम्योपैथी

लखनऊ के अलीगंज निवासी कविता सिंह (43) बताती हैं, ”मेरे पथरी था और अचानक से बहुत तेज दर्द उठता था। डॉक्टर जब तक इंजेक्शन नहीं देते थे आराम नहीं होता था। हमेशा डर लगा रहता था क्योंकि दर्द बहुत भयानक होता था। फिर होम्योपैथिक दवा लेनी शुरू की तीन महीने में मुझे आराम मिला, अब दर्द नहीं होता।” होम्योपैथ में पथरी का इलाज बताते हुए डॉ अविनाश श्रीवास्तव बताते हैं, ”होम्योपैथी दवा से डेढ़ से दो महीने मे ही पथरी टूट कर निकल जाती है। इन दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं है।

आयुर्वेदिक इलाज

किडनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका आदि में पथरी का होना या बनना कोई नया या अनजाना रोग नहीं है लेकिन अब तक इसके इलाज के लिए कोई चुनौतीपूर्ण और सटीक उत्पाद का बाजार में ना होना दुखद है। पथरी मुख्यत: कैल्सियम फास्फेट, कैल्सियम ओक्सालेट, यूरिक एसिड और मैग्नेशियम अमोनियम फास्फेट जैसे रसायनों के क्रिस्टल्स के जमाव के कारण होती है। ज्यादातर जमीन में पाए जाने वाले कठोर पानी और ज्यादा मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से पथरी होने की संभावनांए बढ़ जाती है।