एनएसए अजित डोभाल गुरुवार को युवा पुलिसकर्मियों के कार्यक्रम में शामिल हुए। (फाइल)
बयान / एनएसए डोभाल ने कहा- अगर पुलिस कानून लागू नहीं करा पाई तो लोकतंत्र विफल हो जाएगा
एनएसए ने कहा- कानून व्यवस्था बहाल रखना लोकतंत्र का सबसे पवित्र काम‘पुलिस यह सोचें कि अपराध रोकने में तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाए’
नई दिल्ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल गुरुवार को गुरुग्राम में युवा पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा- कानून व्यवस्था बहाल रखना लोकतंत्र का सबसे पवित्र काम है। आप लोग इसे लागू करने वाले हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर पाए तो लोकतंत्र विफल हो जाएगा। कानून की अच्छाई तब है, जब इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए। लोकतंत्र में यह बेहद अहम है कि आप कानून के प्रति पूरी तरह समर्पित रहें। आपको अपना काम सही तरह से करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको पहले समस्याओं की पहचान करनी है, उसे परिभाषित करना है और उसके बाद इसके समाधान का रास्ता ढूंढ़ना है। यह सोचें कि इसमें तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। बीट कॉन्स्टेबल को टेक्नोलॉजी गैजेट उपलब्ध कराए जाने चाहिए।’’
लोगों के बीच पुलिस का विश्वास बढ़ना जरूरी
उन्होंने कहा- यह हमारे लिए जरूरी है कि लोग पुलिस को विश्वसनीय समझे। पुलिस लोगों के बीच अपने बारे में अच्छी धारणा बनाने में सक्षम हों। यह होना चाहिए। इस धारणा से ही लोगों में विश्वास पैदा होता है, जिससे लोग मानसिक तौर पर ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देशभर के पुलिस अधिकारी शामिल थे।
दिल्ली हिंसा के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे थे
पिछले सप्ताह दिल्ली में हिंसा भड़की थी। इसमें 47 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा घायल हो गए थे। हिंसा के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल किए गए थे। इसे रोकने में नाकाम रहने को पुलिस की विफलता बताई गई थी। हिंसा के चार दिन बाद 26 फरवरी को एनएसए डोभाल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे। उन्होंने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की थी। लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया था।