आरबीआई ने अप्रैल 2018 में सर्कुलर जारी कर रोक लगाई थीइंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती दी थीफरवरी 2018 तक देश में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर और 24 एक्सचेंज सक्रिय थे

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की इजाजत दे दी है। अदालत ने बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का दो साल पुराना सर्कुलर खारिज कर दिया। आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को क्रिप्टोकरंसी से जुड़े लेन-देन पर रोक लगाई थी। उसने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए थे कि क्रिप्टोकरंसी में डील नहीं करें और इसके लेन-देन के लिए कोई प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं करवाएं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजेज की ओर से आरबीआई के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आईएएमएआई की दलील थी कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत क्रिप्टोकरंसी पर बैन लागू होता हो। ऐसे में आरबीआई क्रिप्टोकरंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन के लिए बैंकिंग चैनल के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगा सकता। आरबीआई का कहना था कि वह 2013 से ही क्रिप्टोकरंसी के खतरों के बारे में लोगों को बता रहा था। इस पर शुरुआत में ही रोक लगनी चाहिए ताकि, देश के पेमेंट सिस्टम पर कोई जोखिम नहीं आए। रिजर्व बैंक ने ये भी कहा था कि उसके पास क्रिप्टोकरंसी पर रोक लगाने का अधिकार है।


क्रिप्टोकरंसी क्या है?
क्रिप्टोकरंसी डिजिटल करंसी होती है। ऑनलाइन माध्यम से दुनियाभर में इसका लेन-देन किया जा सकता है। इसे रेग्युलेट करने के लिए एनक्रिप्शन तकनीक इस्तेमाल की जाती है। इसे कोई केंद्रीय बैंक, ऋण संस्था या कोई ई-पैसा संस्थान जारी नहीं करता है। इस लिहाज से वर्चुअल करंसी एक तरीके का अनियंत्रित डिजिटल धन होता है। इसे बनाने वाले ही जारी करते हैं और नियंत्रित करते हैं। फरवरी 2018 तक भारत में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर और 24 एक्सचेंज सक्रिय थे। दुनिया की कई रेग्युलेटरी संस्थाएं प्रमुख क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन में ट्रेडिंग के खिलाफ चेतावनी दे चुकी हैं, जबकि कुछ देश इसके समर्थन में हैं। 2017 में जापान ने बिटकॉइन को वैध करंसी का दर्जा दिया था।

क्रिप्टोकरंसी कैसे खरीद सकते हैं?
क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजेज वेबसाइट के जरिए इनकी खरीद की जा सकती है। इसके लिए पहले एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरंसी की यूनिट खरीद सकते हैं। ग्राहक को अपने देश के नियम-कानून ध्यान में रखने होते हैं। अलग-अलग एक्सचेंज कमीशन के रूप में कुछ चार्ज लेते हैं। ग्राहक क्रिप्टोकरंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रख सकते हैं।

क्रिप्टोकरंसी कहां से खरीद सकते हैं?
यूनोकॉइन:
 भारतीय ग्राहक ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं।
कॉइनमामा: ज्यादातर देशों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड धारक यहां से क्रिप्टोकरंसी की यूनिट खरीद सकते हैं।
लोकलबिटकॉइन: कैश डिपॉजिट के जरिए करंसी खरीदने की सुविधा मिलती है।
बिटकॉइन एटीएम: कैश देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं। सुविधाजनक और प्राइवेसी होने की वजह से इस माध्यम से क्रिप्टोकरंसी खरीद पर फीस ज्यादा लगती है।

क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग करने वालों को 10 साल जेल की सिफारिश की गई थी
क्रिप्टोकरंसी पर एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी ने पिछले साल वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। कमेटी ने सरकार से बैनिंग ऑफ क्रिप्टोकरंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल 2019 लाने की सिफारिश की थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में डिजिटल करंसी लॉन्च करने की भी सिफारिश की थी। कमेटी ने कहा था कि भारतीय उपभोक्ताओं को क्रिप्टोकरंसी या बिटकॉइन से सुरक्षित करना होगा, क्योंकि इसके जरिए कई उपभोक्ताओं को ठगा जा चुका है। रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की गई कि क्रिप्टोकरंसी से जुड़ा हर काम अपराध कहलाए। क्रिप्टोकरंसी बेचने-खरीदने या रखने से लेकर इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर एक से दस साल तक की जेल होनी चाहिए। साथ ही, लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया जाए।


बिटकॉइन में इस साल 50% तेजी
दुनिया में बिटकॉइन सबसे ज्यादा चलने वाली और वैल्यू वाली क्रिप्टोकरंसी है। इस साल इसमें 50% तेजी आ चुकी है। अक्टूबर 2019 के बाद पहली बार बिटकॉइन पिछले दिनों 10,000 डॉलर (7.30 लाख रुपए) पर पहुंचा था। मौजूदा वैल्यू 8,793 डॉलर (6.42 लाख रुपए) है। दूसरी क्रिप्टोकरंसी में भी इस साल तेजी बनी हुई है। इथेरियम की वैल्यू दोगुनी हो चुकी है और रिपल की एक्सआरपी में 75% तेजी आ चुकी है।

बिटकॉइन 35 दिन में साढ़े तीन गुना बढ़ा था
इस करंसी को वर्चुअल वर्ल्ड में सातोशी नाकामोतो समूह लाया था। उसने 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत की थी। इसकी खरीद-बिक्री सिर्फ ऑनलाइन की जा सकती है। बिटकॉइन के 11 साल के इतिहास में भारी उतार-चढ़ाव आए। 2017 के आखिर में सिर्फ 35 दिन में इसकी वैल्यू साढ़े तीन गुना बढ़कर करीब 20,000 डॉलर पर पहुंच गई थी। इसके बाद सात हफ्ते में 70% गिरावट आई थी। इतनी अस्थिरता होने की वजह से ही यह सवाल उठते रहे हैं कि इसमें ट्रेडिंग की इजाजत दी जानी चाहिए या नहीं।

क्रिप्टोकरंसी की खूबियां
यह एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप किसी भी देश में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी वैल्यू सभी देशों में बराबर होती है क्योंकि, इस पर किसी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता। क्रिप्टोकरंसी किसी देश की करंसी नहीं है, इसलिए इस पर किसी भी देश की आर्थिक स्थिति का कोई असर नहीं पड़ता।

क्रिप्टोकरंसी की कमियां
बिटकॉइन एक डिजिटल करंसी है और इस पर किसी भी देश की सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए इसकी वैल्यू में तेज उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बहुत ज्यादा फायदा या नुकसान भी हो सकता है। इसका दुरुपयोग भी हो सकता है। हथियार या ड्रग खरीदने में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल हो सकता है।

फेसबुक भी अपनी डिजिटल करंसी लॉन्च करने की योजना बना रही
फेसबुक की इसी साल क्रिप्टोकरंसी लिब्रा लॉन्च करने की योजना है। फेसबुक लिब्रा के साथ कई फाइनेंशियल सर्विसेज भी देना चाहती है। ताकि, इन सर्विसेज के लिए लिब्रा में भुगतान किया जा सके। इनमें फंड ट्रांसफर, बिल पेमेंट, फोन रिचार्ज जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।