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देश में बढ़ सकता है कोरोना संकट, जमात में शामिल महिलाओं ने बढ़ाई मुश्किलें

  • देश में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना वायरस ( Coroanvirus ) का कहर
  • निजामुद्दीन मरकज ( Nizamuddin Markaz ) में काफी संख्या में पहुंची थी मुस्लिम महिलाएं
  • आखिर कब होगी जमात में शामिल मुस्लिम महिलाओं की तलाश?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश ( Coronavirus In India ) में छह हजार से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 199 लोगों की मौत हो चुकी है। आलम ये है कोरोना संक्रमितों का आंकडा़ लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, तबलीगी जमात ( Tablighi Jamaat ) के कारण अचानक कोरोना संक्रमितों के आंकड़े में इजाफा हुआ है। काफी संख्या में तबलीगी जमात के लोग कोरोना के शिकार और कई में वायरस के लक्ष्ण भी पाए गए हैं। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि निजामुद्दीन मरकज ( Nizamuddin Markaz ) में शामिल महिलाओं की तलाश कब होगी?

दरअसल, निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के जमातियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई थीं। क्राइम ब्रांच से लेकर अन्य सभी जांच एजेंसियां देशभर में पुरुषों की तलाश तो कर रही हैं, लेकिन इन महिला जमातियों से अंजान बनी हुई हैं। ऐसे में यह महिलाएं देश के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमात में ये महिलाएं पिता, भाई या बेटे के साथ शामिल होती हैं। इस जमात को मस्तूरात की जमात कहा जाता है, जिसमें महिला और पुरुष दोनों होते हैं। जमात में जाने वाले पुरुष मस्जिद में रुकते हैं, जबकि महिलाएं मस्जिद के आसपास के किसी घर में। लॉकडाउन के दौरान मरकज से काफी संख्या में महिलाएं भी मिली थीं।

जमात से जुड़े एक शख्स का कहना है कि मरकज में महिलाओं के ठहरने के लिए एक अलग से बड़ा हॉल बना हुआ है, वहां पर पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है। मरकज से मस्तूरात की तीन दिन, 40 दिन और दो महीने की जमातें देश-विदेश में जाती हैं। मार्च महीने में बहुत सी विदेशी मस्तूरात की जमातें दिल्ली में भी आई हुई हैं। यह जमातें दिल्ली की विभिन्न मस्जिदों में रुकी हुई थीं, वहीं कुछ जमातें मरकज में भी रुकी थीं। जिस वक्त मरकज को सील किया गया, उस दौरान महिलाओं को भी क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया है। फिलहाल, दिल्ली पुलिस के पास ये जानकारी नहीं है कि क्वारंटाइन सेंटर में कितनी महिलाओं को रखा गया है। अब ये मुस्लिम महिलाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। क्योंकि, एक तो ये बुर्के में रहती हैं और दूसरे के सामने अपना चेहरा नहीं दिखाती हैं। लिहाजा, अब से ज्यादा जरूरी हो गया है कि उन महिलाओं को ढूंढना जो मरकज में शामिल हुई थीं। क्योंकि, उन्हें नहीं ढूंढा गया तो देश में कोरोना का संकट काफी बढ़ जाएगा।