बैंक ने साफ किया- मेडिकल इमरजेंसी, एजुकेशन फीस या घर में शादी होने पर 5 लाख रु. निकाल सकते हैंईएमआई, एसआईपी या इंश्योरेंस की किस्त 50 हजार से ज्यादा है तो वो बाउंस हो जाएगी

यूटिलिटी डेस्क. आरबीआई ने नकदी की कमी से जूझ रहे यस बैंक से पैसा निकालने की सीमा निर्धारित कर दी है। अब बैंक के खाताधारक एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपए ही निकाल सकेंगे। ऐसे में यस बैंक के ग्राहकों के मन में खाते से होने वाले ईएमआई, एसआईपी और इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे भुगतानों को लेकर कई सवाल हैं। 6 सवाल-जवाब में समझें, इससे जुड़ी पूरी जानकारी…


1. जिन लोगों का यस बैंक में सैलरी अकाउंट है उनका क्या होगा?
जवाब: अगर आपका सैलरी अकाउंट यस बैंक में है और सैलरी 50 हजार रु. से कम है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर सैलरी 50 हजार से ज्यादा है तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपका सैलरी, करंट या सेविंग कोई भी अकाउंट हो, फिलहाल ग्राहक 1 महीने में 50 हजार से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे। सैलरी अकाउंट के लिए आप कंपनी (जहां नौकरी करते हैं) को किसी अन्य बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए कह सकते हैं।


2. अगर ईएमआई, एसआईपी या इंश्योरेंस की किस्त 50 हजार से ज्यादा है तो क्या होगा?
जवाब: 50 हजार तक की किस्त में कोई समस्या नहीं होगी। अगर ईएमआई, एसआईपी या इंश्योरेंस की किस्त 50 हजार से ज्यादा है तो वो बाउंस हो जाएगी। इससे बचने के लिए आप ईएमआई, एसआईपी या इंश्योरेंस की किस्त कटने का सोर्स का बदलवा सकते हैं। अगर किस्त बाउंस होती है तो इसका भी आपके सिबिल स्कोर पर विपरीत असर पड़ेगा।


3. किन परिस्थितियों में 50 हजार से ज्यादा निकाल सकते हैं?
जवाब: अगर जमाकर्ता या उस पर निर्भर किसी व्यक्ति का इलाज करना हो। इसके अलावा पढ़ाई के लिए भारत या देश के बाहर एजुकेशन पर खर्च करना हो। शादी या अन्य समारोह के मौके पर 50 हजार रु. से ज्यादा की निकासी की जा सकती है। बैंक ने साफ किया कि मेडिकल इमरजेंसी, एजुकेशन फीस या घर में शादी होने पर 5 लाख रु. निकाल सकते हैं।


4. कब तक निकलेगा इस समस्या का हल?
जवाब: यस बैंक की आर्थिक स्थिति में गंभीर गिरावट आने के बाद आरबीआई ने 30 दिन के लिए बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक बनाया गया है। आरबीआई ने जल्द ही यस बैंक के लिए रीस्ट्रक्चरिंग प्लान पेश करने की बात भी कही है। बैंक को बचाने के लिए सरकार ने एसबीआई को आगे किया था। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यस बैंक में शेयर खरीदने की एसबीआई की योजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसका आधिकारिक ऐलान जल्द किया जा सकता है। यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने वाले कंसोर्शियम को एसबीआई लीड करेगा। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, एसबीआई और एलआईसी मिलकर यस बैंक की 49% हिस्सेदारी खरीद सकते हैं।


5. यस बैंक कब से संकट में है?
जवाब: भारत में प्राइवेट सेक्टर का चौथा सबसे बड़ा बैंक यस बैंक अगस्त 2018 से संकट में है। उस समय आरबीआई ने बैंक के संचालन और कर्ज से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी 2019 तक पद छोड़ने को कहा था। उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल की अगुआई में बैंक ने संकटग्रस्त ऋणों (एनपीए) की सूचना प्रकाशित की। बैंक को मार्च 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ। यस बैंक ने शुरुआत में दो अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी। इस बारे में कई प्रस्तावों पर विचार-विमर्श हुआ था, लेकिन कोई सिरे नहीं चढ़ सका।

6. बैंक डूबा तो आपके पैसे का क्या होगा?
जवाब: डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट 1961 के तहत अगर बैंक फेल (बंद) हुआ तो खाताधारकों की 5 लाख रु. तक की रकम सुरक्षित रहेगी। इसी साल फरवरी में बजट सत्र में बैंक गारंटी को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रु. किया गया। पीएमसी बैंक घोटाला सामने आने के बाद बैंक में जमा राशि की सुरक्षा ने एक बार फिर सरकार का ध्यान खींचा है।